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Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए फर्जीवाड़े पर नया अपडेट सामने आया है। भाई-बहन की शादी पर एक्शन लेते हुए दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसी के साथ दूल्हा-दुल्हन पर भी केस दर्ज हो चुका है।

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के महराजगंज से बीते दिन हैरान करने वाली खबर सामने आई थी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए दो भाई बहन ने ही आपस में शादी कर ली थी। यह खबर सामने आने के बाद यूपी प्रशासन के भी होश उड़ गए थे। वहीं अब मामले की भनक योगी सरकार के कानों तक पहुंच गई है और सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए अधिकारियों समेत दोनों दूल्हा-दुल्हन पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

बीडीओ ने दी रिपोर्ट

महराजगंज के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में भाई-बहन की फर्जी शादी का मामला काफी चर्चा में है। ऐसे में क्षेत्र विकास अधिकारी (BDO) ने मामले की रिपोर्ट पेश की है। जिसपर एक्शन लेते हुए 2 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर डीडीओ ने ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया है। साथ ही मनरेगा के तकनीकी सहायक को भी जिला मुख्यालय में ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके अलावा बीडीओ ने 35 हजार की इनाम राशि पर रोक लगा दी है और गृहस्थी का सामान भी वापस मंगवा लिया है।

भाई-बहन पर दर्ज हुआ केस

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए भाई-बहन ने आपस में फेरे ले लिए थे। ऐसे में दोनों भाई-बहन के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। फर्जीवाड़े के केस में दोनों को जेल हो सकती है। हालांकि पुलिस अभी मामले की जांच में लगी है। मुकदमा दायर होने के बाद दोनों को क्या सजा मिलेगी? इसका फैसला अदालत करेगी।

क्या है मामला

बता दें कि 5 मार्च को महराजगंज के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 38 जोड़ों की शादी करवाई गई थी। शादी के बाद सभी जोड़ों को गृहस्थी का सामान और 35 हजार रुपए मिलने वाले थे। ऐसे में इनाम पाने के लालच में कुछ बिचौलियों ने एक शादीशुदा महिला को मंडप में बिठा दिया। मगर जिससे युवती की शादी होनी थी, वो शख्स वहां नहीं आया। इसलिए बिचौलियों ने युवती के भाई को ही मंडप में बिठाकर दोनों के सात फेरे लगवा दिए।

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