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इंदौर। शहर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में दर्दनाक हादसा हो गया। एक युवक की ट्रेन से कटने से मौत हो गई। पास में रहने वाली बहन ने उसे लावारिश समझा और ढंकने के लिए चादर दे दी। तीन दिन बाद पता चला लाश उसके सगे भाई की ही थी। अब परिवार सदमे में है। जरा सी देर हो जाती है पुलिसवाले उसका अंतिम संस्कार भी कर देते।

हादसा केशरबाग रेलवे ब्रिज का है। 25 मार्च को गायत्री नगर निवासी दिलीप राठौर का शव रेलवे पटरी के पास मिला था। पुलिसवाले मौके पर पहुंचे लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो पाई। पुलिसवालों ने क्रासिंग से थोड़ी दूर रहने वाले एक परिवार से शव को ढंकने के लिए कपड़ा मांगा। मनीषा नामक महिला ने घर में रखी चादर दे दी और एक गमी के कार्यक्रम में चली गई। पुलिस ने शव को जिला अस्पताल भिजवा दिया। सोमवार को भाई के घर न लौटने पर स्वजनों ने तलाश शुरू की।

पुलिस ने शव के बारे में बताया और शिनाख्त करवाने के लिए अस्पताल भेजा। मनीषा देख कर चौंक गई कि चादर से ढंका शव तो उसके भाई दिलीप का है। स्वजनों ने पुलिस को बताया कि दिलीप काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता था, इसलिए किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। तीन दिन तक घर नहीं लौटने पर खोजबीन शुरू की गई। मनीषा ने बताया कि शव तीन दिन पुराना हो चुका था। वह एक दिन की देरी कर देती तो पुलिस उसका लावारिश समझ कर अंतिम संस्कार भी कर देती।

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