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जबलपुर। प्रदेश के ताप विद्युुत इकाईयों में कोयले का संकट गहरा गया है। बीते 29 अप्रैल को प्रदेश की इकाईयों को दिनभर की जरूरत का कोयला भी नहीं मिला। कोयले की कमी के कारण कम लोड पर चलाने के बावजूद उसकी जरूरत के अनुसार कोयले की सप्लाई नहीं हुई। नतीजा बिजली की कमी दिनभर बनी रही। जिस वजह से प्रदेश में 24 घंटे में करीब 21 घंटे बिजली की अघोषित कटौती करनी पड़ी। औसत 571 मेगावाट बिजली की कमी बनी रही। शनिवार को शाम चार बजे 11533 मेगावाट बिजली की मांग प्रदेश में बनी रही।

बिजली इकाईयों का उत्पादन कम होने के साथ ही अन्य स्रोत से मिलने वाली बिजली भी कम मिली। गत दिवस पूरे दिन में 28 करोड़ 56 लाख यूनिट बिजली की मांग थी। जिसकी एवज में 26 करोड़ 74 लाख यूनिट बिजली की ही आपूर्ति की गई। 24 घंटों में शाम चार, पांच और छह बजे को छोड़कर 21 घंटे अघोषित कटौती की गई। करीब एक करोड़ 82 लाख यूनिट बिजली की कमी पड़ने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में अलग-अलग समय बिजली सप्लाई बंद करनी पड़ी। मौजूदा स्थिति का आंकलन करे तो महज चार दिन का कोयला ही इकाईयों के पास बाकी है।

ये है कोयले की स्थिति

इकाई — कोयला मिला — खपत — स्टाक

अमरकंटक ताप गृह— 3048.20 — 2756 — 47743

सतपुड़ा ताप गृह— 4823.06 — 7456 — 50580

बिरसिंहपुर ताप गृह— 20202.55— 14952 — 34119

सिंगाजी ताप गृह— 19491.78 — 31455 — 117259.31

नोट— आंकड़े मीट्रिक टन मेंं। 29 अप्रैल के आंकड़े।

तापगृह — क्षमता — उत्पादन

सतपुड़ा तापगृह— 1340— 507

बिरसिंहपुर तापगृह— 1340 — 892

अमरकंटक तापगृह— 210 — 216

सिंगाजी ताप गृह— 2520 — 1967

कुल— 5400 —3582

नोट— कोयले से संचालित तापगृहों में 30 अप्रैल की शाम 4 बजे उत्पादन मेगावाट में।

कुल— 47565 — 56619 — 249703.58

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